मैं तङपती प्यास, और वो मटके में ठंङे पानी की बूंद बनी हो जैसे,
दर्द के दरीया में, खूशी की आस बनी हो जैसे,
कडकती धूप में जलते पैर, और वो रात मैं चैंन की सांस बनी हो जैसे,
जीवन मरन की दौङ में, अमृत भरा राच बनी हो जैसे ।
बहुत प्यार जिंदगी…….
मैं तङपती प्यास, और वो मटके में ठंङे पानी की बूंद बनी हो जैसे,
दर्द के दरीया में, खूशी की आस बनी हो जैसे,
कडकती धूप में जलते पैर, और वो रात मैं चैंन की सांस बनी हो जैसे,
जीवन मरन की दौङ में, अमृत भरा राच बनी हो जैसे ।
बहुत प्यार जिंदगी…….